धोनी की जबरदस्त बल्लेबाजी के बावजूद लखनऊ से हारी चेन्नई की टीम | Dhoni’s Impact: Chennai Team, Ms Dhoni

मैं कम से कम 10 ऐसे लोगों को जानता हूं

जो कानपुर से लेकर प्रयागराज बनारस यहां तक कि ग्वालियर से भी लखनऊ गए थे क्योंकि लखनऊ में धोनी पहली बार आईपीएल खेलने आ रहे थे और मात्र नौ गेंद में उन्होंने ट्रेन बस और मैच सबके टिकट के पैसे वसूल करा दिए! भैया हैं थाला फॉर अ रीजन। लखनऊ में हुआ क्या भाई साहब लखनऊ में अगर कोई अपने आप को बहुत बड़ा फैंटम या फिर तुर्रम खान समझता है, तो उसे कह दो कि भाई साइड होले क्योंकि जिस दम से धोनी ने लखनऊ की सरजमीन पर कदम रखा था, उसके बाद से बाकी सब किनारे हो गए थे। एयरपोर्ट से लेकर होटल के रास्ते तक होटल से लेकर स्टेडियम के रास्ते तक हर जगह लोग धोनी की झलक पाना चाहते थे, बल्कि कल जब चेन्नई की टीम स्टेडियम पहुंची तो गेट पर लोगों ने जाम लगा दिया और बस को आगे ही नहीं बढ़ने दिया। फिर यूपी पुलिस ने चार डंडे मारे तब जाकर बस को रास्ता मिला!

चेनई को मिला लखनऊ में होम सपोर्ट।

पूरा स्टेडियम पीले कलर में रंगा नजर आ रहा था। लखनऊ की होम सपोर्ट चेन्नई के पास थी, लेकिन इसके बावजूद चेन्नई वाले इस सपोर्ट का फायदा नहीं उठा पाए। रचिन रविंद्र ने तो पहली ही गेंद पर अपना विकेट दे डाला और फिर इसके बाद चेन्नई ने इतना स्लो खेल दिखाया। इतना स्लो खेल कि पावर प्ले में मुझे लगा कि कहीं नीलेश मिश्रा सर का इंटरव्यू तो नहीं चल रहा मतलब इतना स्लो हैं भाई साहब। पावर प्ले में चेन्नई का स्कोर था दो विकेट के नुकसान पर 51 रन। पावर प्ले के बाद भी जहां चेन्नई ने उड़ने का प्रयास किया, वहीं लखनऊ वालों ने उनके पंख कुतर दिए। जडेजा एक छोर संभाल कर खड़े थे, लेकिन दूसरे एंड पर विकेट गिरते जा रहे थे। जिसकी वजह से हमें एहसास हो गया था कि थाला दर्शन हो जाएगा। दिक्कत ये थी कि चेन्नई का स्कोर बहुत कम था, जडेजा ने हाफ सेंचुरी लगा दी थी लेकिन दूसरी तरफ कोई था ही नहीं। ऐसे में मोइन अली ने तीन बाउंड्री लगाकर चेन्नई फैंस को खुश किया और फिर आउट होकर थाला को मौका दे दिया। क्योंकि मोहिन अली के आउट होने के बाद आए महेंद्र सिंह धोनी जिन्होंने मात्र नौ गेंदें खेली और अगले नौ साल के लिए अपना नाम लखनऊ में उन्होंने अमर कर दिया।

धोनी की फिटनेस वाकई लाजवाज है।

वो आदमी जिसने 5 साल पहले रिटायरमेंट ले लिया था, अब साल में सिर्फ दो महीने खेलता है। घुटना उसका कमजोर है। इसके बावजूद अगर वो नौ गेंद में आकर 28 रन बनाकर जा रहा है, तो इसका मतलब ये है कि कुछ स्पेशल तो है। कुछ स्पेशल तो है और चेन्नई ने फाइनली लखनऊ को 177 का टारगेट दिया। अब धोनी ने तो आपके मजे कल रात में कर दिए। लखनऊ को पीला बनाने वाले चेन्नई के फैंस का दिल कैसे टूटा। मैच हो रहा था लाल मिट्टी वाली पिच पर जहां बल्लेबाजों को ज्यादा मदद थी। बस इस लाल मिट्टी ने चेन्नई वालों की लाल कर दी। ऊपर से के एल राहुल कह रहे थे कि दिनेश कार्तिक की बात हो रही है, संजू की बात हो रही है, ऋषभ पंत की बात हो रही है। यहां तक कि धोनी की भी बात हो रही है। क्विंटन डीकॉक के साथ मिलकर पहले विकेट के लिए कर दी 134 रन की पार्टनरशिप यानी टारगेट में से लगभग 80 पर इन दोनों ने ही बना लिए। दोनों ने अपनी-अपनी हाफ सेंचुरी भी कंप्लीट कर दी। यही वजह रही कि चेन्नई के दो ब्रह्मास्त्र मुस्तफिजुर रहमान और पथिराना बेअसर साबित रहे। हालांकि दोनों ओपनर को आउट भी इन दोनों ने ही किया, लेकिन तब तक तो चेन्नई की गाड़ी चारबाग से निकलकर वापस चेन्नई सेंट्रल की तरफ रवाना हो गई थी। लखनऊ ने बड़े आराम से ये मैच आठ विकेट रहते जीता और चेन्नई को लगातार दो मैच में जीत के बाद एक हार मिली।

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