Ancient Snake in Gujrat: क्या लौट आए हैं नाग वासुकी जिन्हें शिवजी अपने गले में धारण करते थे। क्या खुल गए हैं वह अनकहे राज जिनसे हम सभी अनजान थे ? क्या हिंदू धर्म के ग्रंथों में कही गई चीजें हो रही हैं? सच, दरअसल दोस्तों यह हमने नहीं बल्कि हमारे वैज्ञानिकों ने कर दिखाया है। खोज निकाला है हिंदू धर्म से जुड़ा एक बहुत बड़ा रहस्य। तो आइए वैज्ञानिकों की इस रिसर्च के बारे में आपको बताते हैं।
दोस्तों यह तो आपने अखबार और न्यूज़ में देख ही लिया होगा कि गुजरात के कच्छ से 2005 में मिले एक कंकाल को अब तक विशाल मगरमच्छ का माना जाता था। लेकिन हाल ही में उस कंकाल की असलियत का पता चला गया है कि वह कंकाल किसी मगरमच्छ का नहीं बल्कि दुनिया के सबसे बड़े नागों में से एक वासुकी का था। दोस्तों IIT रुड़की के वैज्ञानिकों द्वारा खोजे गए वासुकी इंडिकस से रिसर्चस को उम्मीद है कि यह जीवाश्म विकास की प्रक्रिया भारत की कई प्रजातियों खासकर सरी शिपों की उत्पत्ति में अहम भूमिका के बारे में काफी जानकारी दे सकती है।
क्या 47 वर्ष पहले एक विशाल सांप घूमता था?
एक नई रिसर्च के अनुसार 47 करोड़ साल पहले भारत में सबसे लंबे सांपों में से एक विशाल सांप घूमता था। इसके अलावा यह भी माना जा रहा है कि विलुप्त हो चुका यह सांप अब तक के सबसे बड़े सांपों में से एक हो सकता है। जो आज के 6 मीटर तक बढ़ने वाले एनाकोंडा और अजगर से भी ज्यादा बड़ा है। इस विशाल जीव का वैज्ञानिक नाम नाम वासुकी इंडिकस है, जो भगवान शिव के गले में लिपटे पौराणिक सर्प के नाम पर रखा गया है।
इस विशाल सांप की जानकारी किसने पब्लिश की ?
दोस्तों आपको बता दें कि यह रिपोर्ट उत्तराखंड के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रुड़की में दो ऑथर्स द्वारा पब्लिश की गई है। इसी के साथ उन्होंने 27 जीवाश्म कंकाल की हड्डियों का व्याख्यान किया है। जिनमें से कुछ अभी भी आपस में जुड़ी हुई हैं। यह हड्डियां 2005 में पश्चिमी भारत के गुजरात राज्य में एक कोयला खदान में ली थी। शुरुआत में टीम को लगा कि यह हड्डियां किसी बहुत पुराने मगरमच्छ जैसे जीव की हैं।
कितना लंबा है यह सांप ?
2023 में रिसर्च की शुरुआत में जब वैज्ञानिकों ने इन जीवाश्म से गंदगी हटाई तब जाकर उन्हें पता चला कि यह बहुत बड़े सांप के अवशेष थे। अगर बात की जाए वासुकी इंडिकस के आकार के बारे में तो जीवाश्म के आधार पर वैज्ञानिकों का अंदाजा है कि यह सांप 10.9 मीटर से 15.2 मीटर तक लंबा रहा होगा। यह अनुमान दो अलग-अलग तरीकों से निकाले गए हैं। साथ ही साथ यह भी माना जा रहा है कि इस सांप का शरीर चौड़ा और बेलनाकार था।
दोस्तों ऑथर के द्वारा यह भी बात कही गई है कि लंबाई का अंदाजा थोड़ा सा सावधानी से ही लेना चाहिए क्योंकि हमें अभी तक पूरा कंकाल नहीं मिला है। फिर भी यह सांप अपने आकार में अब तक के सबसे बड़े सांपों को टक्कर दे सकता है।
यह सांप कहां रहता था?
ऑथर के अनुसार माना गया है कि यह सांप सम समुद्र के किनारे दलदल और जंगलों में रहता होगा। उन्होंने कहा कि यह तो हम नहीं बता सकते कि वासुकी किस तरह के जानवर खाता होगा पर उन्होंने यह जरूर कहा कि उस दौरान मिले जीवाश्म में किरण मछली हड्डी वाली मछली कछुए मगरमच्छ और यहां तक कि आदिम वैल के जीवाश्म भी मिले हैं, जिससे यह जाहिर होता है कि शायद वासुकी इनमें से कुछ का शिकार करता हो तो दोस्तों यह थी इस खबर से जुड़ी कुछ महत्त्वपूर्ण जानकारियां अगर जानकारी अच्छी लगी तो शेयर जरूर करे अपने दोस्तो के साथ, धन्यवाद