यह समझ में नहीं आया कि यह मैच राजस्थान और कोलकाता के बीच था, या फिर सुनील नारायण औरजॉस बटलर के बीच… अब आपने अगर कल का मैच देख लिया होगा तो राजस्थान भी 200 से ज्यादा के टारगेट का पीछा कर रही थी बल्कि मुंबई से बड़ा टारगेट था, उनके सामने राजस्थान के भी बहुत विकेट गिर रहे थे, यहां पर भी जॉश बटलर अकेले थे और रिक्वायर्ड रन रेट लगभग उतना ही था जितना चेन्नई के खिलाफ मुंबई को चाहिए था लेकिन देखिए बटलर ने क्या किया वो स्लो नहीं हुए इसलिए मैं कहता हूं कि हिटमैन का विरोधी नहीं हूं इंडियन क्रिकेट फैन हूं और अगर दाग है तो छुपाएं क्यों हम सच से नजरें हटाए क्यों सच्चाई यही है कि बाकी देशों के बैटर्स हमसे तेज खेल रहे हैं और हमारे पास पूरी काबिलियत है इस तरीके से क्रिकेट खेलने की बटलर से बहुत कुछ सीखा जा सकता है राजस्थान ने क्या जबरदस्त इन्वेस्टमेंट किया है…
आउटसाइडर्स को करना पड़ता है इसी चक्कर में पिछले मैच के हीरो सॉल्ट आउट होकर चले गए हालांकि खराब शुरुआत के बावजूद कोलकाता का पावर प्ले में स्कोर मोदी जी की छाती के बराबर आ आई मीन 56 का था पावर प्ले के बाद जनरली स्कोरिंग रेट धीमा हो जाता है, लेकिन जिस आदमी को आउट होने की फिक्र नहीं है वो धीमा क्यों पड़ेगा सुनील नारायण ने शॉट जारी रखा संजू सैमसन को समझ नहीं आ रहा था कि किसको गेंदबाजी पर लाया जाए जो नारायण को आउट कर पाए सारे प्लेयर बेअसर साबित हो रहे थे ये सब देखकर गौतम गंभीर का छाती चौड़ा हो गया होगा क्योंकि अगर सुनील नारायण पिंच टर से एक प्रॉपर ओपनर बने हैं, तो इसका श्रेय सिर्फ और सिर्फ गंभीर को जाता है इसी वजह से जब सुनील नारायण कोलकाता की तरफ से सेंचुरी लगाने वाले तीसरे बल्लेबाज बने तो उन्हें गौतम गंभीर ने बड़ी शिद्दत से गले लगाया किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि सुनील नारायण t20 क्रिकेट में सेंचुरी मार सकते हैं लेकिन अब सुनील के पास भी एक टी-20 सेंचुरी है और उनकी बदौलत कोलकाता ने बनाए 223 लेकिन इतने रन बनाकर भी कोलकाता वाले जीत नहीं पाए…