सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने शनिवार को अमेरिका के शिकागो में गरीबों के लिए ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म शुरू करने की घोषणा की! उन्होंने कहा कि वे जल्द ही गरीबों के दरवाजे तक शिक्षा पहुंचाने के लिए एक ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफार्म लेकर आएंगे, जो उनकी ‘सुपर 30’ पहल का विस्तारित संस्करण होगा! आनंद कुमार नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में “रीइमेजिनिंग इंडिया : शेपिंग द ग्लोबल इकोनॉमिक लैंडस्केप” विषय पर 2024 केलॉग इंडिया बिजनेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे!
मौजूदा टेक्नोलॉजी अपनाने पे ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि, “अधिक से अधिक छात्रों तक पहुंचने के लिए मौजूदा टेक्नालॉजी अपनाने का वक्त आ गया है! सुपर 30 ने मुझे गरीबों की जिंदगी बदलने की आकांक्षाओं को बढ़ाने में मदद की और पास हुए कई छात्रों ने शिक्षा की शक्ति से शानदार प्रदर्शन किया व इससे पीढ़ीगत बदलाव ला सके! ”आनंद कुमार ने स्वीकार किया कि, जीवन बदल देने वाली कोविड महामारी के दौर में आए व्यवधान ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया! जैसे कि सोशल मीडिया के जरिए घर में फंसे छात्रों से जुड़ना! उन्होंने कहा कि प्रतिकूल परिस्थितियों से भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है!
गरीब प्रतिभावान छात्रों के उत्थान की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि, “दुनिया प्रतिभावान लोगों से भरी है! वर्तमान परिदृश्य में भी बहुत सारे बच्चे गरीबी के कारण दुनिया की नजरों से छुपे हुए हैं! उनमें न्यूटन और रामानुजन बनने की क्षमता ह! लेकिन शायद अवसर न मिलने से उनकी प्रतिभा लुप्त हो जाती है! मेरे ऑनलाइन इनीशिएटिव का उद्देश्य उन्हें उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्लेटफॉर्म देना है!”
टेक्नोलॉजी का सबसे बेहतर उपयोग कैसे करें।
सुपर 30 के संस्थापक ने कहा कि, टेक्नालॉजी का सबसे अच्छा उपयोग इसी तरह होगा कि अवसर वंचितों तक पहुंचें! उन्होंने कहा कि दुनिया की समृद्धि और बड़े पैमाने पर मानवता के लाभ के लिए टैलेंट पूल को बढ़ाना समाज की जिम्मेदारी है!
उन्होंने कहा कि, “मैं कोई बहुत बड़ी हस्ती नहीं हूं, एक साधारण शिक्षक हूं! लेकिन आज मैं आपको अपने हृदय की गहराइयों से, अपनी भावनाओं के आधार पर, अपने अनुभवों के आधार पर बता रहा हूं! यदि आपके मन में किसी तय लक्ष्य को पाने की तीव्र इच्छा है और आप कड़ी मेहनत जारी रखते हैं, तो आप सफल होंगे! संभव है कि इसमें अधिक समय लगे. जितना आपने सोचा था उससे अधिक समय लगे, लेकिन सफलता जरूर मिलेगी!”
सभी को शिक्षा पाने का मूल अधिकार है।
आनंद कुमार ने कहा कि हर वंचित छात्र को शिक्षित देखने का उनका सपना पूरा होगा! उन्होंने कहा कि, “सबसे गरीब भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के हकदार हैं! अब समय आ गया है कि प्रयोगशालाओं से बाहर निकलकर देश के उन गांवों की गरीबी का एहसास किया जाए! जहां लोगों को बिजली, साफ पानी और समुचित भोजन तक नहीं मिलता है! अब समय आ गया है, और गरीबों से जुड़ने के लिए टेक्नालॉजी भी उपलब्ध है!”